ब्राह्मी ने स्ट्रोक के जोखिम को कम करने की क्षमता दिखाई है। अध्ययनों से पता चला है कि ब्राह्मी मस्तिष्क को इस्केमिक विकारों से बचा सकती है, जो अक्सर स्ट्रोक से जुड़े होते हैं।

यह क्षतिग्रस्त मस्तिष्क ऊतकों के आकार को कम करने, स्मृति समारोह में सुधार और मांसपेशियों के समन्वय को बढ़ाने में मदद करता है।

साथ ही इससे रक्त को पतला करने में मदद मिल सकती है, जिससे नसों में रक्त का प्रवाह आसानी से हो सकता है

इस आधार पर माना जा सकता है कि ब्राह्मी जड़ी बूटी रक्त संचार में सुधार करने में लाभकारी हो सकती है।

आयुर्वेद में सालों से ब्राह्मी का उपयोग चिंता को दूर करने के लिए किया जाता रहा है (3)। इसी वजह से ब्राह्मी के फायदे में चिंता दूर करना भी शामिल है।

आयुर्वेद में सालों से ब्राह्मी का उपयोग चिंता को दूर करने के लिए किया जाता रहा है (3)। इसी वजह से ब्राह्मी के फायदे में चिंता दूर करना भी शामिल है।

ब्राह्मी का उपयोग कैंसर के जोखिम को कम करने में लाभकारी माना जा सकता है। इसकी वजह ब्राह्मी जड़ी बूटी में मौजूद एंटी कैंसर गुण है, जो ब्रेस्ट कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोक सकता है

एक अन्य शोध की मानें, तो ब्राह्मी कोलन कैंसर की हानिकारक कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में मददगार साबित हो सकती है

बस ध्यान दें कि कैंसर एक गंभीर बीमारी है। इसका डॉक्टर से ट्रीटमेंट करवाना जरूरी है। ब्राह्मी से कैंसर का इलाज होता है, यह समझने की भूल न करें।

ब्राह्मी को प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में जाना जाता है, जिसकी मस्तिष्क के विकास में न्यूरोप्रोटेक्टिव भूमिका होती है।

बालों के लिए ब्राह्मी बूटी फायदेमंद हो सकती है। अध्ययन की मानें, तो ब्राह्मी में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव बालों को झड़ने से रोकने में कारगर हो सकता है

उपयोग का तरीका : – ब्राह्मी, आंवला और भृंगराज को एक साथ पीसकर मिश्रण बना लें। – इस मिश्रण को रात भर तक एक लोहे की कड़ाही में रखें। – सुबह ब्राह्मी चूर्ण मिक्स इस पेस्ट को बालों पर 10 से 15 मिनट के लिए लगाएं। – ऐसा सप्ताह में दो बार करने से बालों का गिरना बंद हो जाता है।

दरअसल, ब्राह्मी को एक एडाप्टोजेनिक जड़ी-बूटी माना जाता है यानी यह शरीर के तनाव को दूर करने में कारगर हो सकती है

दरअसल, ब्राह्मी को एक एडाप्टोजेनिक जड़ी-बूटी माना जाता है यानी यह शरीर के तनाव को दूर करने में कारगर हो सकती है